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भोथर चटिया के बस्ता मोट

भोथर चटिया के बस्ता मोट

(भोथर = पढाई में मंदबुद्धि/मन न लगाने वाला, चटिया =विधार्थी, बस्ता = किताब का थैला, मोट = मोटा, भारी )
इसका अर्थ है कि जो विद्यार्थी पढने में मूढ होते हैं वे दिखाने के लिए ढेर सारी किताबें थैले में लेकर चलते हैं.
यह कहावत बिहार के अधिकाँश जिलों में बहुत प्रचलित है. पढाई में पिछडे लड़कों को उलाहना देने में इसका उपयोग किया जाता है.

Comments

सत्‍यार्थी जी पहली ही पोस्‍ट आपने शानदार दी है। इसके लिए आभार। उम्‍मीद है आगे भी आपका ऐसा ही आशीर्वाद मिलता रहेगा। फोटो वाला आइडिया भी ठीक है। मैं आगे कोशिश करूंगा कि अपनी पोस्‍ट में भी फोटो जोडूं। इससे कहावत याद रखना आसान हो जाएगा।

एक बार फिर आभार।
सिद्धार्थ जी, प्रोत्साहन के लिए धन्यवाद
Sahi pahchan batai gai hai is kahavat mein.
amit said…
Aakhir Kyon भोथर चटिया के बस्ता मोट
Pauranik KathayenTHANKS FOR ARTICALS

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चैत चना, वैशाख बेल - एक भोजपुरी कहावत

चइते चना, बइसाखे बेल, जेठे सयन असाढ़े खेल  सावन हर्रे, भादो तीत, कुवार मास गुड़ खाओ नीत  कातिक मुरई, अगहन तेल, पूस कर दूध से मेल  माघ मास घिव खिंच्चड़ खा, फागुन में उठि प्रात नहा ये बारे के सेवन करे, रोग दोस सब तन से डरे। यह संभवतया भोजपुरी कहावत है। इसका अर्थ अभी पूरा मालूम नहीं है। फिर भी आंचलिक स्‍वर होने के कारण गिरिजेश भोजपुरिया की फेसबुक वॉल से उठाकर यहां लाया हूं। 

एक कहावत

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जाट, जमाई भाणजा रेबारी सोनार:::

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चन्द पंजाबी कहावतें

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नंगा और नहाना

एक कहावत : नंगा नहायेगा क्या और निचोडेगा क्या ? यानि जो व्यक्ति नंगा हो वो अगर नहाने बैठेगा तो क्या कपड़ा उतारेगा और क्या कपड़ा धोएगा और क्या कपड़ा निचोडेगा। मतलब " मरे हुए आदमी को मार कर कुछ नही मिलता" । होली की शुभ कामनाये सभी को। माधवी