ओछे की प्रीत , बालू की भीत । ----------------- ओछे - गिरा हुआ भीत - दीवार ------------------ भावार्थ - इसका अर्थ इस रूप में लगाया जा सकता है कि जैसे बालू की दीवार मजबूत नहीं होती , कभी भी गिर सकती है उसी तरह किसी भी रूप से गिरे हुए व्यक्ति की दोस्ती भी अधिक दिनों तक नहीं चलती है । व्यक्ति चरित्र , जुबान , विश्वास आदि किसी से भी गिरा हुआ हो सकता है ।
याद है नानी-दादी की कहावतें