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Showing posts from November, 2009

ओछे की प्रीत, बालू की भीत

ओछे की प्रीत , बालू की भीत । ----------------- ओछे - गिरा हुआ भीत - दीवार ------------------ भावार्थ - इसका अर्थ इस रूप में लगाया जा सकता है कि जैसे बालू की दीवार मजबूत नहीं होती , कभी भी गिर सकती है उसी तरह किसी भी रूप से गिरे हुए व्यक्ति की दोस्ती भी अधिक दिनों तक नहीं चलती है । व्यक्ति चरित्र , जुबान , विश्वास आदि किसी से भी गिरा हुआ हो सकता है ।