ओछे की प्रीत,
बालू की भीत।
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ओछे - गिरा हुआ
भीत - दीवार
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बालू की भीत।
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ओछे - गिरा हुआ
भीत - दीवार
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भावार्थ - इसका अर्थ इस रूप में लगाया जा सकता है कि जैसे बालू की दीवार मजबूत नहीं होती, कभी भी गिर सकती है उसी तरह किसी भी रूप से गिरे हुए व्यक्ति की दोस्ती भी अधिक दिनों तक नहीं चलती है।
व्यक्ति चरित्र, जुबान, विश्वास आदि किसी से भी गिरा हुआ हो सकता है।
व्यक्ति चरित्र, जुबान, विश्वास आदि किसी से भी गिरा हुआ हो सकता है।
Comments
ऒछे के कई मतलब होते है, जेसे फ़ुकरा, जो अपनी ऒकातसे बढ कर बात करे,
इसी तरह कह देते हैं कि ओछी हरकतें न किया करो, ओछेपन की हद कर दी, ओछी बात कर दी आदि-आदि. यहाँ भी ओछे को शायद बेवकूफ नहीं कहेंगे?
वैसे टिप्पणी करने के लिए आभार
यानि ओछे री प्रीत
अर बाळू री भीत
par jo bhi ho aap ki kahawat ek badi vyavahrik shikh deti hai.
namaskar
Pauranik Kathayen thank for articals