मूंछ उखाड़े मुर्दा हल्को न होवे । =============== इस कहावत का अर्थ इस रूप में लगाया जा सकता है कि छोटे-छोटे काम निपटाने से किसी बड़े काम में सफलता नहीं मिलती। बड़े काम को करने में इस तरह के छोटे-छोटे प्रयासों से मदद भी नहीं मिलती। इस तरह के छोटे काम निरर्थक ही कहे जा सकते हैं।
याद है नानी-दादी की कहावतें