नसे, उपासे, मांसे, तीनों सर्दी नाशै। नसे- नशा, उपासे-उपवास, मांसे- मांसाहार, नाशै- नाश करने वाला. इस बार भोजपुरी अंचल से चुन कर लाया हूँ वो कहावत जो इस मौसम पर काफी सटीक बैठती है। नसे, उपासे, मांसे, तीनों सर्दी नाशै। अर्थात् नशा, उपवास और मांसाहार ये तीन सर्दी से लड़ने में सहायक सिद्ध होते हैं। अब इस कहावत में कितनी सच्चाई है यह तो आजमाने वाले ही बता सकते हैं, मगर कही-न-कहीं के अनुभवों की झलक तो इसमें है ही।
याद है नानी-दादी की कहावतें