जाका पड़्या स्वभाव जासी जीव सूं
नीम न मीठो होयसी
सींचो गुड़ घी सूं
जासी : जाएगा
जीव- शरीर
जाका: जिसका
होयसी : होगा
जिसका जैसा स्वभाव पड़ा हुआ है वह अंत तक वैसा ही रहेगा। भले ही नीम को गुड़ और घी से ही क्यों न सींच दिया जाए उसमें मीठे फल नहीं निकल सकते। हिन्दी में इसके लिए कहा जाता है कि मिट्टी का रंग कभी बदलता नहीं है। इसी तरह और भी कई कहावतें लोगों के न बदलने वाले स्वभाव को लेकर कही गई है। यह रंग राजस्थान का है। अन्य अंचलों में भी इसके लिए कहावतें होंगी।
नीम न मीठो होयसी
सींचो गुड़ घी सूं
जासी : जाएगा
जीव- शरीर
जाका: जिसका
होयसी : होगा
जिसका जैसा स्वभाव पड़ा हुआ है वह अंत तक वैसा ही रहेगा। भले ही नीम को गुड़ और घी से ही क्यों न सींच दिया जाए उसमें मीठे फल नहीं निकल सकते। हिन्दी में इसके लिए कहा जाता है कि मिट्टी का रंग कभी बदलता नहीं है। इसी तरह और भी कई कहावतें लोगों के न बदलने वाले स्वभाव को लेकर कही गई है। यह रंग राजस्थान का है। अन्य अंचलों में भी इसके लिए कहावतें होंगी।
Comments
मैं भी आपके रास्ते पर, आपके पीछे-पीछे चलने की तैयारी कर रहा हूं । पर्या प्त सामग्री एकत्रित होने पर प्रारम्भ करूंगा ।
Pauranik Kathayenthanks or articals