भोजपुरी जितनी मीठी भाषा है उतनी ही मीठी हैं इसकी कहावतें; जिनसे यहाँ के ग्राम्य जीवन के अनुभव झलक पड़ते हैं. ऐसी ही एक कहावत है - "घर के मारल बन में गइली, बन में लागल आग। बन बेचारा का करे कि कर में लागल आग ?"
अर्थात यदि तकदीर ही अपने पक्ष में न हो (हाथों की लकीरें) तो आदमी चाहे घर में रहे या वन में परेशानियाँ पीछा करती ही रहती हैं. इसी की एक समानार्थक कहावत है- " जाओ चाहे नेपाल, साथ जायेगा कपाल". यानि- चाहे कहीं भी जाओ आपकी किस्मत आपका साथ नही छोड़ने वाली.
अर्थात यदि तकदीर ही अपने पक्ष में न हो (हाथों की लकीरें) तो आदमी चाहे घर में रहे या वन में परेशानियाँ पीछा करती ही रहती हैं. इसी की एक समानार्थक कहावत है- " जाओ चाहे नेपाल, साथ जायेगा कपाल". यानि- चाहे कहीं भी जाओ आपकी किस्मत आपका साथ नही छोड़ने वाली.
Comments
Regards
Shyari Is Here Visit Jauru Karo Ji
http://www.discobhangra.com/shayari/sad-shayri/
Etc...........
lagta hai khud ke andar kuch mar gaya tha jisko aapne phir se zinda kar diya.....
Sadhubaad