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Showing posts from July, 2008

सरगे को जाए

दादा मीठे, ददिया मीठी, सरगे को जाए? =========================================== सरगे = स्वर्ग इस कहावत का अर्थ इस रूप में है कि काम भी हो जाए और प्रयास भी न करना पड़े. उदहारण के लिए यदि किसी को अपनी सेहत बनानी हो और वो सुबह जल्दी जाग कर कसरत करना या घूमना भी नहीं चाह रहा तो यही कहा जाएगा.

इनसें गंगा हारी

छिनरा, चोर, जुआरी, इनसें गंगा हारी. ============================================== छिनरा = व्यभिचारी पुरूष कहा गया है कि व्याभिचारी पुरूष से, चोर से और जुआ खेलने वाले का सुधार बहुत मुश्किल है, इनको सुधार न पाने के कारण ही कहा गया कि गंगा जैसी पावन नदी भी इन्हें पवित्र नहीं कर सकती.

इन्हें कबहूँ न मारिये

बहु-ऋणी, बहु-धन्धीय, बहु-बेटियाँ को बाप। इन्हें कबहूँ न मारिये, जे मर जैहें अपने आप॥ ============================= पुराने समय से लोक-नीतिगत कहावत के रूप में प्रचलित है कि जो व्यक्ति बहुत अधिक क़र्ज़ में डूबा हो, जो बहुत सारे कामों को एक साथ करता हो और जो बेटों की चाह में बहुत अधिक बेटियों को जन्म दे चुका है, ऐसे व्यक्ति के सामने आफत-मुसीबतें आती ही रहती हैं. इस वजह से इन्हें परेशान नहीं करना चाहिए ये तो अपने कारनामों से ख़ुद ही परेशां रहते हैं.

फूहर का कमाल

फूहर चाले, सब घर हाले ======================================================= फूहर = फूहड़ (इसका तात्पर्य यहाँ ऐसे व्यक्ति से है जो बिना सोचे समझे काम करता है) चाले = चलना हाले = हिलना ====================================================== अर्थात ऐसे व्यक्ति के कारनामों से पूरा घर परेशां होता है जो बिना सोचे समझे काम करता है। इन कामों में बुरे काम भी शामिल किए जा सकते हैं।

आब-आब कह पुतुआ मर गए

फारस गए, फारसी पढ़ आए, बोले पी की बानी। आब-आब कह पुतुआ मर गए, खटिया तरे धरो रहो पानी। ======================================= बानी=बोली आब=पानी पुतुआ=किसी लड़के का संबोधन तरे=नीचे धरो=रखा ======================================== इसका अर्थ ये है कि किसी व्यक्ति को फारसी का ज्ञान हो गया. अपने गाँव में इस भाषा से अनजान लोगों के बीच वह बीमारी में आब-आब चिल्लाता रहा. कोई जान न पाया की वह पानी मांग रहा है और उसने दम तोड़ दिया, जबकि पानी उसकी चारपाई के पास ही रखा था. ===================================================== मतलब बिना आवश्यकता के रोब दिखने के लिए अपनी योग्यता का बखान नहीं करना चाहिए।

जासे अच्छे अपने ठनठन गोपाल

कंडा बीने लक्ष्मी, हर जोतें धनपाल। अमर हते ते मर गए, जासे अच्छे अपने ठन-ठन गोपाल॥ ======================== हर जोतें = खेत जोतना हते = थे जासे = इससे ======================= इसका अर्थ ये है कि नाम को लेकर जो समस्या हुई (ठन-ठन गोपाल नाम पर), नाम से खफा व्यक्ति जब बाहर निकलता है और देखता है कि लक्ष्मी नाम की महिला कंडे बीन रही है, धनपाल नाम का व्यक्ति खेत में काम कर रहा है और जिसका नाम अमर था वो मर गया है तो इससे अच्छा अपना ठनठन गोपाल नाम ही भला है.

वाईस ऑफ़ इंडिया:02

http://voi-2.blogspot.com/ वाइस -ऑफ़-इंडिया-"द्वितीय"

कानी अपनों टेंट न निहारे

कानी अपनों टेंट न निहारे, दूजे को पर-पर झांके। टेंट=दोष निहारे=देखना दूजे=दूसरे को पर-पर=लेट-लेट कर झांके=देखना कहा जाता है कि दोषी या ग़लती करने वाला अपने दोष या अपनी ग़लती पर ध्यान नहीं देता है पर दूसरे के दोषों या ग़लती को बताने के लिए किसी भी हद तक जा सकता है.