खिसियानी बिल्लैअ , खंभा नोचे . ये कहावत तब बोली जाती है जब कोई व्यक्ति कुछ करना चाहता है पर वो काम नहीं कर पता तो हताशा में उस काम या उससे जुड़े व्यक्ति के बारे में गलत - सही बोलना शुरु कर देता है. क्यों कि उस काम या व्यक्ति का कुछ नहीं बिगड़ता है" बिल्ली " सिर्फ खब नोच कर ही रह जाती है.
याद है नानी-दादी की कहावतें