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बुड़बक के इयारी आ भादो के उजियारी

बुड़बक के इयारी आ भादो के उजियारी

बुडबक = मूर्ख, बेवकूफ; इयारी = दोस्ती, मित्रता; उजियारी = चांदनी

मतलब यह की भादों महीने की चांदनी और मूर्ख की मित्रता का कोई भरोसा नहीं करना चाहिए क्योंकि ये कभी भी साथ छोड़ सकती हैं। भादों के बरसाती मौसम में कम काले बादल चाँद को ढँक लें और अँधेरा छा जाए, कोई ठिकाना नहीं। इसी प्रकार मूर्ख और धूर्त मित्र भी कब साथ छोड़ जाए इसका कोई भरोसा नहीं।

सतीश चंद्र सत्यार्थी

Comments

आंचलिता की सुगंध लिए एक अच्छी जानकारी। कहते भी हैं कि-

"राजद्वारे श्मशाने च यः तिष्ठति सः बान्धवः"

सादर
श्यामल सुमन
09955373288
मुश्किलों से भागने की अपनी फितरत है नहीं।
कोशिशें गर दिल से हो तो जल उठेगी खुद शमां।।
www.manoramsuman.blogspot.com
shyamalsuman@gmail.com
ऐसी कहावत एक ओर तो मूर्खों के स्‍वभाव से सचेत रहने की सलाह देती है वहीं दूसरी ओर मौसम के संकेतों को समझने में मदद भी करती है।

एक अच्‍छी ज्ञानवर्द्धक कहावत।
admin said…
लोक साहित्‍य को सहेजने का यह बहुत सुंदर प्रयास है।
----------
तस्‍लीम
साइंस ब्‍लॉगर्स असोसिएशन
Unknown said…
Dekha jaaye to hm agar isko other perception se padhe to iska nishkarsh ye bhi hoga ki kisi budbak se yaari krna arthat(uske hr ek nadaan bhare baaton ya
Betuke asamanjas ko door krna tatha uske kritiyo wa sabdik nirarthakta se oob kr use sehna aur sahanshakti banaye rkhna aur uske hr nirarthak vicharon wa sabdkosh ) ko jhelne ki mujhme shakti nhi.Rather than this, favourly hme unke saath rehna chahiye and aeise logo ko hr waqt motivate krte rrhna chahiye. On the other hand bhaado mein ujiyaari ka bhi ye arth ho skta h ki ( hm sb jaante hain ki life is full of uncertainties ups n downs and gigs that even no body knows but we have to face it all on our own; so baadho ki raat is just like a darker side of the life that is not true and permanent but we have to face it transistory to know or enhance our capabilities.
Jitendra Sharma
Writer/creator
amit said…
Aakhir Kyon बुड़बक के इयारी आ भादो के उजियारी
Pauranik KathayenTHANKS FOR ARTICALS

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