चार दिन के गईले, सुग्गा मोर बन के अइले|
भोजपुरी कहावत
कोई व्यक्ति जब चार दिन शहर में रह कर वापस गाँव जाए और चाल ढाल से ख़ुद को शहरी बताये तो उसके लिए यह कहावत कही जाती है| चार दिन शहर में रहकर सुग्गा (तोता) ख़ुद को मोर समझने लगा|
याद है नानी-दादी की कहावतें
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Pauranik Kathayenthanks for articals