रस्सी जल गैल ,पर ऐठन न गैल ।
यानि कि वैभ्व या सत्ता तो खत्म हो गई पर नखरे नही खत्म हुए। ये हम नेता , नौकरशाह ,अभिनेता के सन्दर्भ में कह सकते है। जो चुनाव हर जाने पर या नौकरी ख़तम हो जाने पर या मार्केट रेट ख़तम हो जाने पर भी नखरे करने से बाज नही आते और अपने पुराने दिनों को याद कर - कर के वैसे ही नखरे दिखाते है।
यानि कि वैभ्व या सत्ता तो खत्म हो गई पर नखरे नही खत्म हुए। ये हम नेता , नौकरशाह ,अभिनेता के सन्दर्भ में कह सकते है। जो चुनाव हर जाने पर या नौकरी ख़तम हो जाने पर या मार्केट रेट ख़तम हो जाने पर भी नखरे करने से बाज नही आते और अपने पुराने दिनों को याद कर - कर के वैसे ही नखरे दिखाते है।
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