साग दिए माछ चापा जाय ना ।
अर्थात साग से मछली पकाने की खुसबू को आप ढक नही सकते। कहानी कुछ इस तरह से है किएक महिला मछ्ली पका रही थी , तभी उसके घर मेहमान आगये। महिला ने जल्दी में मछली को छिपाने के लिए उसपर साग छोक दिया ,पर मछ्ली कि खुशबू को वो छिपा नही पाई .प्राययह कहावत प्रेम करने वालो के सन्दर्भ में कहा जाता है ,जब वो प्रेम को दोस्ती के दुप्पट्टे से ढकने कि कोशिश करते है।
माछ - मछ्ली , चापा - ढकना .दिए - द्वारा
अर्थात साग से मछली पकाने की खुसबू को आप ढक नही सकते। कहानी कुछ इस तरह से है किएक महिला मछ्ली पका रही थी , तभी उसके घर मेहमान आगये। महिला ने जल्दी में मछली को छिपाने के लिए उसपर साग छोक दिया ,पर मछ्ली कि खुशबू को वो छिपा नही पाई .प्राययह कहावत प्रेम करने वालो के सन्दर्भ में कहा जाता है ,जब वो प्रेम को दोस्ती के दुप्पट्टे से ढकने कि कोशिश करते है।
माछ - मछ्ली , चापा - ढकना .दिए - द्वारा
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