अगहन माह खाओ तेल, पूस में करो दूध से मेल।
माघ मास घी-खिचड़ी खाए, फागुन उठके सुबह नहाय।
बिहारी जनमानस में कहावतों के माध्यम से भी अलग-अलग मौसम के लिए खान-पान के सबंध में सुझाव दिए गए हैं।
ऐसी ही एक कहावत के अनुसार अगहन माह में तेल युक्त भोजन, पूस में दूध के पदार्थ, माघ में घी-खिचड़ी और फागुन में प्रातः काल स्नान स्वास्थ्य के लिए उत्तम है।
माघ मास घी-खिचड़ी खाए, फागुन उठके सुबह नहाय।
बिहारी जनमानस में कहावतों के माध्यम से भी अलग-अलग मौसम के लिए खान-पान के सबंध में सुझाव दिए गए हैं।
ऐसी ही एक कहावत के अनुसार अगहन माह में तेल युक्त भोजन, पूस में दूध के पदार्थ, माघ में घी-खिचड़ी और फागुन में प्रातः काल स्नान स्वास्थ्य के लिए उत्तम है।
Comments
धन्वाद
एक बात मेरी ओर से। अगर आप इन महीनों का अंग्रेजी संस्करण अनुवाद दे देते तो नए बच्चे भी समझ जाते। जैसा कि निर्मलाजी ने बताया। एक ओर कहावत याद करने में आसानी होती वहीं नए बच्चे भी जुड़ते। :)
धन्यवाद
Pauranik KathayenTHANKS FOR ARTICALS