अगुली पकड़ क , पंहुचा पकड़ना
यानि कि किसी की अंगुली पहले पकड़ लो फिर धीरे- धीरे उसका पूरा हाथ अपनी गिरफ्त में लेलो। ये प्राय तब कहा जाता था कि मान लो किसी आदमी को बैठने भर की जगह दी गयी हो और वो पूरा पसर जाए मौके का फायदा उठा कर।
यानि कि किसी की अंगुली पहले पकड़ लो फिर धीरे- धीरे उसका पूरा हाथ अपनी गिरफ्त में लेलो। ये प्राय तब कहा जाता था कि मान लो किसी आदमी को बैठने भर की जगह दी गयी हो और वो पूरा पसर जाए मौके का फायदा उठा कर।
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