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ब्‍याह बिगाडे दो जणा, कै मूंझी कै मेह

कहावत है
ब्‍याह बिगाडे दो जणा, कै मूंझी कै मेह
ब्‍याह शादी
जणा लोग
कै या फिर
मूंझी कंजूस
मेह बारिश
यानी दो लोग शादियां बिगाडते हैं, या तो कंजूस और बारिश।

Comments

Udan Tashtari said…
यह तो पहली बार सुनी.आभार.
Batangad said…
ये तो गजब कहावत है।
अद्भुत प्रयास है. नई पीढ़ी के लिये तो शिक्षाप्रद भी.
mamta said…
एकदम नई कहावत।
राजीव जी बारिश के लिए तो सुना था पर कंजूस नही।
आनंद said…
बहुत अच्‍छा काम है। जारी रखें।