सबसे सगुन इहे अच्छा
नया साल आ रहा है और हम अपनी सारी परम्पराओं के साथ समय की यात्रा के अगले चरण में प्रवेश करने जा रहे हैं। ऐसे में भोजपुरी अंचल से एक कहावत जो यात्रा के शगुन की पहचान करती है।
सबसे सगुन इहे अच्छा, सनमुख गाय पिआवे बाछा।
(सगुन- संकेत, सनमुख- सामने, बाछा-बछिया, गाय की संतान)
अर्थात् यात्रा पर निकलते वक्त यदि अपने बच्चे को दूध पिलाती गाय दिख जाए तो यात्रा का उद्देश्य पूर्ण या सफल होता है। नव वर्ष में आपकी भी यात्रा सफल हो। शुभकामनाएं।
नया साल आ रहा है और हम अपनी सारी परम्पराओं के साथ समय की यात्रा के अगले चरण में प्रवेश करने जा रहे हैं। ऐसे में भोजपुरी अंचल से एक कहावत जो यात्रा के शगुन की पहचान करती है।
सबसे सगुन इहे अच्छा, सनमुख गाय पिआवे बाछा।
(सगुन- संकेत, सनमुख- सामने, बाछा-बछिया, गाय की संतान)
अर्थात् यात्रा पर निकलते वक्त यदि अपने बच्चे को दूध पिलाती गाय दिख जाए तो यात्रा का उद्देश्य पूर्ण या सफल होता है। नव वर्ष में आपकी भी यात्रा सफल हो। शुभकामनाएं।
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नया वर्ष जीवन, संघर्ष और सृजन के नाम
नया वर्ष नयी यात्रा के लिए उठे पहले कदम के नाम, सृजन की नयी परियोजनाओं के नाम, बीजों और अंकुरों के नाम, कोंपलों और फुनगियों के नाम
उड़ने को आतुर शिशु पंखों के नाम
नया वर्ष तूफानों का आह्वान करते नौजवान दिलों के नाम जो भूले नहीं हैं प्यार करना उनके नाम जो भूले नहीं हैं सपने देखना,
संकल्पों के नाम जीवन, संघर्ष और सृजन के नाम!!!
Pauranik Kathayenthanks for articals