ये कहावत भी माँ से सुना था बचपन में। अब वो तो रही नही इस दुनिया में , तो आप लोगो से उनके मध्यम से bihari कहावते बाच रही हू
"माँ करे कुत्व्नी -पिस्वानी , बेटा दूर्गा दास"
कहानी ज्तनी मुझे याद है - एक लड़का था ,जीसकी माँ गरीब थी और लोगो के घर जा-जा कर मसाले कुटा -पीसा करती थी.पर वो लड़का हमेशा फुटानी (स्टाइल) में रहा करता था । तो लोगो ने उसका मजाक उड़ने के लीये ये कहावत कहना शुरु कर दीया .
"माँ करे कुत्व्नी -पिस्वानी , बेटा दूर्गा दास"
कहानी ज्तनी मुझे याद है - एक लड़का था ,जीसकी माँ गरीब थी और लोगो के घर जा-जा कर मसाले कुटा -पीसा करती थी.पर वो लड़का हमेशा फुटानी (स्टाइल) में रहा करता था । तो लोगो ने उसका मजाक उड़ने के लीये ये कहावत कहना शुरु कर दीया .
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