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एक कहावत

अन्धो मे , काना राजा


यानि अगर किसी जगह कम पढ़े लिखे या कम हुनरमंद लोग हो वहा कोई जरा ज्यादा पड़- लिख गया हो या थोड़ा ज्यादा हुनरमंद हो तो वो अपनी ही बघारता रहता है। लोग उसी को चुनते है , पूजते है । जैसे इस इलेक्शन मे यूपीऐ अन्धो मे काना राजा बन गई ।

Comments

Ashutosh said…
आपने सही बात कही है.

हिन्दीकुंज
mehek said…
sahi kahawat sahi udhaharanke saath.
... होता ही है
सही लिखा आप ने
Are- Are ! Kahawat to sahi chuni aaapne magar 'aankh vale andhon' ko andhe nahin kahna chahiye tha. Kisi naye shabd ki khoj karein.
बिल्कुल सही कहावत....वैसे इस प्रकार के काने राजा तो यहाँ चिट्ठाजगत में भी बहुत सारे मिल जाएंगे:)

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