गांव करै ज्यां गैली करै
करै- करता है या करती है
गैली - पगली
ज्यां- की तरह
यानि जैसा गांव करता है वैसा ही गैली करती है।
यानि जैसा समूह करता है वैसा ही समूह का एक हिस्सा करता है। कई बार बाहरी आदमी किसी जगह आता है तो वह देखता है कि बाकी लोग कैसा व्यवहार करते हैं। और उसी के अनुसार अपना व्यवहार तय करता है। तब कहा जाता है गांव करै ज्यां गैली करे।
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-जाकिर अली रजनीश
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SBAI / TSALIIM
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