शान बड़ी,
घर कुलिया में।
==============
कुलिया = छोटी सी गली
==============
ये कहावत का एक छोटा सा हिस्सा है। इसका अर्थ है कि शान या दिखावा तो बहुत किया जाता है पर असलियत में कुछ भी नहीं होता है।
ये कहावत ऐसे लोगों के लिए बनी है जो अकारण अपने आपको श्रेष्ठ साबित करने में लगे रहते हैं।
घर कुलिया में।
==============
कुलिया = छोटी सी गली
==============
ये कहावत का एक छोटा सा हिस्सा है। इसका अर्थ है कि शान या दिखावा तो बहुत किया जाता है पर असलियत में कुछ भी नहीं होता है।
ये कहावत ऐसे लोगों के लिए बनी है जो अकारण अपने आपको श्रेष्ठ साबित करने में लगे रहते हैं।
Comments
कुमारेन्द्र जी
मेरा एक दोस्त है वह ऐसे लोगों के लिए एक बात कई बार बोलता है
हम बड़े गली संकरी बाजार का रस्ता किधर को जाता है।
यहां बीकानेर में छोटी छोटी गलियां हैं और बाजार में घुसने के बाद आदमी खो सा जाता है। यह आपकी कहावत के बिल्कुल विपरीत स्वभाव की कहावत है लेकिन मुझे शंका है कि यह कहावत है या ऐसे ही किसी के बोले गए शब्द हैं। क्योंकि इसके पीछे की कहानी न मेरे उस दोस्त को पता थी न मुझे कहीं और से पता चली। अलबत्ता इसका इस्तेमाल मैं कई बार कर चुका हूं लेकिन अभी तक सही सही अर्थ नहीं मालूम। मेरे हिसाब से इसका अर्थ ऐसे होगा कि बाहर गांव से आया व्यक्ति खुद को इतना बड़ा समझता है कि वह छोटे रास्तों को देख नहीं पा रहा है। और स्थानीय लोगों से पूछ रहा है कि मैं बड़ी दृष्टि रखने वाला हूं लेकिन संकरी गलियों में बाजार का रास्ता किधर जा रहा है मुझे पता नहीं चल रहा।
अपने झाँसी के एक दोस्त के मुँह से सुना था।
मतलब आज समझ गया।
बाकी कहावते भी देखी, सब मजेदार हैं