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अपना फिगर मत बिगाड़ना

जरणी जणै तो रतन जण, कै दाता कै सूर।
नींतर रहजै बांझड़ी, मती गमाजै नूर।।

यह कहावत मैं कीर्ति कुमार जी के ब्‍लॉग अपनी भाषा अपनी बात से उठाकर लाया हूं।

जरणी- माता
जणै- पैदा करे
रतन- रत्‍न
सूर- शूरवीर
नींतर - नहीं तो
रहजै- रहना
गमाजै - गुमाना

अर्थ: इसमें स्‍त्री को सलाह दी गई है कि अगर पैदा ही करना है तो या तो वीर पुत्र पैदा करना या फिर दाता। वरना बांझड़ी रह जाना। बिना बात अपना नूर मत खो देना। शूरवीरों और दानदाताओं की धरती राजस्‍थान में यह लोकोक्ति बहुत आम है।

Comments

वाकई वीरभूमि राजस्थान पर सार्थक है यह कहावत.
रंजन said…
बहुत मशुहर कहावत है मरुप्रदेश की...
रंजन said…
लेकिन पोस्ट का शिर्षक?
This comment has been removed by the author.
शीर्षक कन्फ्युसिंग है .!!
बहुत गहरे अर्थ, जनना तो मां हाथ नही , लेकिन उस जने बच्चे को सस्कांर दे कर, शुरवीर ओर महान तो मां ही बना सकती है, इस लिये यह कहावत चली होगी. धन्यवाद

मुझे शिकायत है
पराया देश
छोटी छोटी बातें
नन्हे मुन्हे
असल में मां बनने पर चेहरे का नूर तो बढ़ता है लेकिन शरीर बेढब हो जाता है। कहावत में यही कहा गया है कि कायर और कंजूस पुत्र को पैदा करके अपने शरीर को बेढब मत कर लेना।
नूर को शारीरिक सुंदरता से लिया गया है न कि चेहरे की। इसलिए कंफ्यूजन हो रहा है। :)
राजस्थान को वीरभूमी यूँ ही तो नहीं कहा जाता....
Anonymous said…
आप ने जो लीखा है काफी अच्छा है पर उस मे सुधार कि आवश्यकता है नारायण पी देवासी
amit said…
Aakhir Kyon अपना फिगर मत बिगाड़ना
Pauranik Kathayenthanks for articals

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