न नौ मन तेल होगा , न राधा नाचेगी ।
ये कहावत की बात पुरी तरह से याद नही आ रही है, पर हल्का- हल्का धुंधला सा याद है कि ऐसी कोई शर्त राधा के नाचने के लिए रख्खी गई थी जिसे राधा पुरी नही कर सकती थी नौ मन तेल जोगड़ने के संदर्भ में । राधा की माली हालत शायद ठीक नही थी, ऐसा कुछ था। मूल बात यह थी कि राधा के सामने ऐसी शर्त रख्खइ गई थी जो उसके सामर्थ्य से बाहर की बात थी जिसे वो पूरा नही करपाती। न वो शर्त पूरा कर पाती ,न वो नाच पाती।
ये कहावत की बात पुरी तरह से याद नही आ रही है, पर हल्का- हल्का धुंधला सा याद है कि ऐसी कोई शर्त राधा के नाचने के लिए रख्खी गई थी जिसे राधा पुरी नही कर सकती थी नौ मन तेल जोगड़ने के संदर्भ में । राधा की माली हालत शायद ठीक नही थी, ऐसा कुछ था। मूल बात यह थी कि राधा के सामने ऐसी शर्त रख्खइ गई थी जो उसके सामर्थ्य से बाहर की बात थी जिसे वो पूरा नही करपाती। न वो शर्त पूरा कर पाती ,न वो नाच पाती।
Comments
न नौ मन तेल होगा , न राधा नाचेगी ।
राधा ने शर्त रक्खी थी की जब नौ मन तेल के दिए जलेगे , तभी वो नाचेगी . उस साल गाँव में सुखा पड़ा था इसलिए नौ मन तेल होना नामुमकिन था .
जब किसी कार्य को करने के लिए आवश्यक सामग्री का उपलब्ध होना कठिन होता है तो इस कहावत का प्रयोग करते हैं .
वैसे इस कहावत का प्रयोग, किसी काम के लिए कोई कठिन शर्त ना पूरी होने के उपलक्ष्य में किया जाता है, जैसा कि आलोक जी ने भी कहा है।
इस कहावत का उपयोग ऎसे कामो के लिये ्किया जाता है जो असम्म्भंब हो, जिस के पुरण होने मओ सभी को शक हो
धन्यवाद
NACH dekhne ka majaa bahut hai, kisii GRAMIIN se poochhiye....
HA>>HA>>>>HA
मेरी कलम - मेरी अभिव्यक्ति
asal me yeh baat kisi kaam ke pura na hone k sandarbh kathin sharat se jodi jati hai...
mul baat hai sab ko kahawat pasand ayi aur mujeh yehi baat achchi lagi.....
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Pauranik KathayenTHANKS FOR ATICALS