जाट जमाई भाणजा रेबारी सोनार
कदैई ना होसी आपरा कर देखो उपकार
जाट : यहां प्रयोग तो जाति विशेष के लिए हुआ है लेकिन मैं किसी जाति पर टिप्पणी नहीं करना चाह रहा। उम्मीद करता हूं कि इसे सहज भाव से लिया जाएगा।
जमाई: दामाद
भाणजा: भानजा
रेबारी सोनार: सुनारों की एक विशेष जाति
इसका अर्थ यूं है कि जाट जमाई भानजे और सुनार के साथ कितना ही उपकार क्यों न कर लिया जाए वे कभी अपने नहीं हो सकते। जाट के बारे में कहा जाता है कि वह किए गए उपकार पर पानी फेर देता है, जमाई कभी संतुष्ट नहीं होता, भाणजा प्यार लूटकर ले जाता है लेकिन कभी मुड़कर मामा को नहीं संभालता और सुनार समय आने पर सोने का काटा काटने से नहीं चूकता।
यह कहावत भी मेरे एक मामा ने ही सुनाई। कई बार
कदैई ना होसी आपरा कर देखो उपकार
जाट : यहां प्रयोग तो जाति विशेष के लिए हुआ है लेकिन मैं किसी जाति पर टिप्पणी नहीं करना चाह रहा। उम्मीद करता हूं कि इसे सहज भाव से लिया जाएगा।
जमाई: दामाद
भाणजा: भानजा
रेबारी सोनार: सुनारों की एक विशेष जाति
इसका अर्थ यूं है कि जाट जमाई भानजे और सुनार के साथ कितना ही उपकार क्यों न कर लिया जाए वे कभी अपने नहीं हो सकते। जाट के बारे में कहा जाता है कि वह किए गए उपकार पर पानी फेर देता है, जमाई कभी संतुष्ट नहीं होता, भाणजा प्यार लूटकर ले जाता है लेकिन कभी मुड़कर मामा को नहीं संभालता और सुनार समय आने पर सोने का काटा काटने से नहीं चूकता।
यह कहावत भी मेरे एक मामा ने ही सुनाई। कई बार
Comments
किसी भी विघ्नसंतोषी की नज़र
का क्या भरोसा ...?
सही ये हैं
जाट जमाई भांजा रेबारी कुनार
Na dogali baatein karte.
Acha hain apne blog se post hata le.with very respect
जे सगे ना है सकें चाहें नित्य खवाओ खीर।।
पीताम्बर फटा भला, साबुत भला ना टाट।
और जात दुश्मन भली , मित्र भला ना जाट।।
Pauranik KathayenTHANKS FOR ARTICALS