कहावत है
ब्याह बिगाडे दो जणा, कै मूंझी कै मेह
ब्याह शादी
जणा लोग
कै या फिर
मूंझी कंजूस
मेह बारिश
यानी दो लोग शादियां बिगाडते हैं, या तो कंजूस और बारिश।
ब्याह बिगाडे दो जणा, कै मूंझी कै मेह
ब्याह शादी
जणा लोग
कै या फिर
मूंझी कंजूस
मेह बारिश
यानी दो लोग शादियां बिगाडते हैं, या तो कंजूस और बारिश।
Comments
राजीव जी बारिश के लिए तो सुना था पर कंजूस नही।