जो करे शर्म ,ओकरा फूटे करम
यानि जो व्यक्ति शर्मा -शर्मा कर रह जाता है वो जीवन में कुछ नही कर पता है। यानि शर्म- शर्म में किस्मत फूट जाती है.
यानि जो व्यक्ति शर्मा -शर्मा कर रह जाता है वो जीवन में कुछ नही कर पता है। यानि शर्म- शर्म में किस्मत फूट जाती है.
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तस्लीम
साइंस ब्लॉगर्स असोसिएशन
वैसे कहावत अच्छी है