tag:blogger.com,1999:blog-4002796966714094837.post7877646078215106898..comments2023-12-24T13:07:46.507-08:00Comments on मेरे अंचल की कहावतें: कानी अपनों टेंट न निहारेAstrologer Sidharthhttp://www.blogger.com/profile/04635473785714312107noreply@blogger.comBlogger2125tag:blogger.com,1999:blog-4002796966714094837.post-64966904666202231122008-07-22T08:26:00.000-07:002008-07-22T08:26:00.000-07:00१)गांड मे नही लत्ता,जाने को कलकत्ता।(यानी औकात से ...१)गांड मे नही लत्ता,जाने को कलकत्ता।<BR/>(यानी औकात से बाहर का काम)<BR/>२)पतुरिया की धोतिया जले,गुन्दा गाडं सेके।<BR/>(यानी किसी की मुसीबत के वक्त भी अपना स्वार्थ साधना)<BR/>३)गांड खौरही,मखमल की ध्वजा।<BR/>(खौरही=खुजली युक्त,ध्वजा=लन्गोटी)<BR/><BR/>माफ़ी के साथ<BR/>आप चाहे तो इसे हटा सकते हैं लेकिन यह मेरे गावं मे कहा जाता हैAnonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4002796966714094837.post-46220467756302916782008-07-14T16:59:00.000-07:002008-07-14T16:59:00.000-07:00बहुत सही.बहुत सही.Udan Tashtarihttps://www.blogger.com/profile/06057252073193171933noreply@blogger.com